Sunday, 7 February 2016

महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय भारत की दशा

10वीं शताब्दी ई. के अन्त तक भारत अपनी बाहरी सुरक्षा-प्राचीर जाबुलिस्तान तथा अफ़ग़ानिस्तान खो चुका था। परिणामस्वरूप इस मार्ग द्वारा होकर भारत पर सीधे आक्रमण किया जा सकता था। इस समय भारत में राजपूत राजाओं का शासन था।

काबुल एवं पंजाब का हिन्दुशाही राज्य

महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय पंजाब एवं काबुल में हिन्दुशाही वंश का शासन था। वह राज्य चिनाब नदी के हिन्दुकुश तक फैला हुआ था। इस राज्य के स्वामी ब्राह्मणराजवंश के शाहिया अथवा हिन्दुशाह थे। इसकी राजधानी उद्भाण्डपुर थी। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय यहां का शासक जयपाल था।

मुल्तान

यह हिन्दुशाही राज्य के दक्षिण में स्थित था। यहाँ का शासक करमाथी शिया मुसलमानों के हाथ में था। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय यहां का शासक फ़तेह दाऊद था।

सिंध

अरबों के आक्रमण के समय से ही सिंध पर उनका अधिपत्य था। मजमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय सिन्ध प्रान्त में अरबों का शासन था।

कश्मीर का लोहार वंश

महमूद ग़ज़नवी के सिंहासनारूढ़ के समय कश्मीर की शासिका रानी दिद्दा थी। 1003 ई. में दिद्दा की मुत्यु के बाद संग्रामराज गद्दी पर बैठा। उसने लोहार वंश की स्थापना की।

कन्नौज के प्रतिहार

महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय कन्नौज पर प्रतिहारों का शासन था। प्रतिहारों की राजधानी कन्नौज थी। सबसे पहले बंगाल के राजा धर्मपाल ने इस नगर पर आक्रमण किया तथा कुछ वर्षो तक शासन किया। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण (1018 ई.) के समय यहाँ का शासक राज्यपाल था। उसने राजधानी कन्नौज को बारी में स्थानान्तरित किया था।

बंगाल का पाल वंश

पाल वंश की स्थापना 750 ई. में गोपाल ने की थी। इस वंश का महत्त्वपूर्ण शासक देवपाल था। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय यहां का सबसे महान शासक महीपाल प्रथम (992-1026 ई.) था।

दिल्ली के तोमर

तोमर राजपूतों की एक शाखा थी। तोमर शासक अनंगपाल दिल्ली नगर का संस्थापक था।

मालवा का परमार वंश

इस वंश की स्थापना नवी शताब्दी ईसवी के पूर्वार्द्ध में कृष्णराज ने किया थी। इस वंश का सबसे महत्त्वपूर्ण शासक राजा भोज था। यहां महमूद ग़ज़नवी का समकालीन शासक सिंधुराज था।

गुजरात का चालुक्य वंश

महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय गुजरात पर चालुक्यों का शासन था। इस काल में चालुक्य वंश के चार हुए - चामुण्डराज (997-1009ई.), वल्लभ राज (1009ई.), दुर्लभ राज (1009-24ई.) तथा भीम प्रथम (1024-64ई.)।

बुंदेलखण्ड के चंदेल

मजमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय बुन्देलखंड में चंदेलों का शासन था। उस समय बुंदेलखण्ड की राजधानी खजुराहो थी।

त्रिपुरी के कलचुरी वंश

कलचुरी वंश को हैहय वंश भी कहा जाता है। गुजरात के सोलंकी वंश से इसका संघर्ष चलता था। महमूद ग़ज़नवी के आक्रमण के समय दक्षिण के दो राज्य प्रमुख थे। (1) चालुक्यऔर (2) चोल। चोल शासकों में राजराज प्रथम (1014-1015 ई.) महत्त्वपूर्ण शासक थे।

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