Thursday, 28 January 2016

जोकतंत्र ‏

कुर्सी पर बैठा तंत्र-मंत्र हो,
असहिष्णु प्रजातंत्र हो,
मानव मस्तिष्क परतंत्र हो,
घोटालेबाज स्वतंत्र हो
आरक्षित जन-तंत्र हो,
फिर कहाँ लोकतंत्र हो?

Wednesday, 27 January 2016

MERCURY VENUS EARTH MARS JUPITER SATURN URANUS NEPTUNE

Tuesday, 26 January 2016

67th गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं..

                                     सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...जय हिन्द

Monday, 25 January 2016

Inspirational Poem BY Harivansh Rai Bachchan Sahab


नीड़ का निर्माण फिर फिर
नेह का आह्वान फिर फिर
वो उठी आंधी की नभ में
छा गया सहसा अँधेरा
धुली धूसरित बादलों ने
भूमि को इस भाँति घेरा
रात सा दिन हो गया फिर
रात आई और काली
लग रहा था अब न होगा
इस निशा का फिर सवेरा...
रात के उत्पात भय से
भीत जन जन
भीत कण कण
किन्तु प्राची से उषा की
मोहिनी मुस्कान फिर फिर
नीड़ का निर्माण फिर फिर
नेह का आह्वान फिर फिर